मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

WAQT

1.
कौन होता है बुरे वक़्त में इस दुनिया में रफीक
सभी जानते हैं की ऐसे में न होती किसी को किसी की तौफीक 
फ़िक्र किस बात की, फिर आयेगा वक़्त
तब सब करेंगे एक-एक कर तफ्शीश 
क्या हुआ था, कैसे हुआ था, वक़्त बुरा आपका, ऐ मेरे अजीज़ 
फ़िक्र न कीजिये, हम सभी दिलों जान से आपके हैं रफीक

यही है पहचान उन स्याह दिल रफीकों की 
होठों पे तो है मुस्कान, पर बात कुछ और है उनके दिल की
वो अपने ग़मों को भूल जाते हैं, दूसरों के ग़मों से होती ख़ुशी इतनी
वो आपसे आँख भी चुरायेंगे और मौका पते ही चुपके से खिसक जायेंगे
कहीं कर न बैठें फ़रियाद आप कोई, इसका रहेगा हमेशा उन्हें खटका
आखिर ढूंढ ही ली तरकीब, जिसकी थी बेइन्तहा उन्हें ज़रुरत
न जाओ उनके घर, हो जाओ बेवफा, दर्द अपना फिलहाल करो यूँ रफा
अगर धोखे से कभी मिल भी जावें वो, तो करना उन्हें यूँ दफा
मैं खुद बहुत परेशान हूँ, समझ नहीं अत कैसे करूँ शफा 
दिन सभी के बदलते हैं, आपके भी बदलेंगे एक दिन
तब मुलाकात कुछ रंग बदलेगी, उनके आने का शुरू होगा खटका
निकालना जो होगा  काम उन्हें आये दिन अब आपसे 
इसका भी होगा कोई तरीका अजूबा उनका 
मांगेंगे माफ़ी वो बार बार, भुला देने को किस्सा वो पिछला 
करेंगे हर बात पर तारीफ आपकी अब, मिटा देने को किस्सा पिछला
यही है पहचान उन स्याह दिल रफीकों की.  

2
कल तक जो उड़ाते थे मजाक, वो अज झुक कर सलाम करते हैं
ऐसों से कोई शिकवा नहीं क्यूंकि वक़्त ही है जिसे सभी सलाम करते हैं


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