हारो न हिम्मत कबी तुम हार में
तभी मिलेगा हार तुम्हें उपहार में
2.
तभी मिलेगा हार तुम्हें उपहार में
2.
मिलना तो पड़ेगा ही सबको
मरने के बाद एक दिन मिटटी में
फिर क्यूँ नहीं मिलते जीते जी लोग
ताकि बआहार आये सभी की ज़िन्दगी में
3.
मरने के बाद एक दिन मिटटी में
फिर क्यूँ नहीं मिलते जीते जी लोग
ताकि बआहार आये सभी की ज़िन्दगी में
3.
जो हर वक़्त दिखाई देता है
उसे बुरा कहते हैं लोग
जो कभी नहीं दिखाई देता
उसे खुदा कहते हैं लोग
4.
हम क्या करते हैं, इसकी खबर नहीं किसी को
कौन क्या करता है, बस इसी की फिकर है सबको
5.
उसे बुरा कहते हैं लोग
जो कभी नहीं दिखाई देता
उसे खुदा कहते हैं लोग
4.
हम क्या करते हैं, इसकी खबर नहीं किसी को
कौन क्या करता है, बस इसी की फिकर है सबको
5.
ये है कुदरत के उस्सोल में
की जो भी चीज़ ज़मीन से ऊपर कटी है
वापस अति है ज़मीन पे
फिर भी न जाने क्यूँ लोग
उठा लेते हैं ज़मीन से पैर
ये जानते हुए भीकी जितना जादा ऊँचे से गिरेंगे
उतनी न रहेगी उनकी खैर
6.
न खाओ गम इतना मुरौवत में
की कोई तुम्हें बुजदिल समझ बैठे
झपट पड़े हर बात पे तुम पर
कुत्ते की तरह बोटी समझ कर
7.
हर इंसान के कुछ हक होते हैं, कुछ होते हैं फ़र्ज़
हक को तो हक समझता है, फ़र्ज़ को फर्जी
8.
पान चीज़ ही है ऐसी, जिसमें होता है ये हाल
जो पावे उसका भी मुंह लाल, जो न पावे उसका भी मुंह लाल
9.
आप तो पीते हैं शराब
और में पीता हूँ गम
आपका नशा तो उतर जायेगा
पर मेरा रहेगा हर दम
लोग तो पीते हैं शराब
और शराब पीती है गम
शराब का नशा तो उतर जाता है
बस रह जाता है गम
10.
आज का इंसान भी बन सकता है वो शक्ति महान
की जिसे चाहे वो दे श्राप या फिर दे दे उसे वरदान
कहते है लोह कभी ऐसा भी हुआ करता था
की इंसान भी जो कह देता था वही हुआ करता था
आप इसे श्राप भी कह सकते हैं या कह सकते हैं वरदान
यही हुआ करती थी उस वक़्त के पाक इंसान की पहचान
11.
चूँकि आदत है उसे सिर्फ साफ़ जगह में ही रहने की
इसलिए इंसान भी रखे दिल अपना साफ़
ताकि हो जावे वो मजबूर रहने को उस इंसान के पास
फिर क्या है वो इंसान जिसे चाहे दे वरदान
या फिर दे दे वो उसे श्राप
की कोई तुम्हें बुजदिल समझ बैठे
झपट पड़े हर बात पे तुम पर
कुत्ते की तरह बोटी समझ कर
7.
हर इंसान के कुछ हक होते हैं, कुछ होते हैं फ़र्ज़
हक को तो हक समझता है, फ़र्ज़ को फर्जी
8.
पान चीज़ ही है ऐसी, जिसमें होता है ये हाल
जो पावे उसका भी मुंह लाल, जो न पावे उसका भी मुंह लाल
9.
आप तो पीते हैं शराब
और में पीता हूँ गम
आपका नशा तो उतर जायेगा
पर मेरा रहेगा हर दम
लोग तो पीते हैं शराब
और शराब पीती है गम
शराब का नशा तो उतर जाता है
बस रह जाता है गम
10.
आज का इंसान भी बन सकता है वो शक्ति महान
की जिसे चाहे वो दे श्राप या फिर दे दे उसे वरदान
कहते है लोह कभी ऐसा भी हुआ करता था
की इंसान भी जो कह देता था वही हुआ करता था
आप इसे श्राप भी कह सकते हैं या कह सकते हैं वरदान
यही हुआ करती थी उस वक़्त के पाक इंसान की पहचान
11.
चूँकि आदत है उसे सिर्फ साफ़ जगह में ही रहने की
इसलिए इंसान भी रखे दिल अपना साफ़
ताकि हो जावे वो मजबूर रहने को उस इंसान के पास
फिर क्या है वो इंसान जिसे चाहे दे वरदान
या फिर दे दे वो उसे श्राप
nice saying.....really true
जवाब देंहटाएंKya baat hai...humko to aap ki is khoobi ka pata hi nahi tha..
जवाब देंहटाएंVery nice poetries...liked it a lot
Regards
Samir Saxena